अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के उद्घाटन को लेकर तमाम तैयारियों के साथ-साथ सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं को भी आमंत्रण पत्र भेजा गया है। हालांकि इसी बीच विपक्ष के नेताओं का रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में न पहुंचने की अटकलें सामने आ रही हैं। इन अटकलों पर असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने बड़ा बयान दिया है। दरअसल असम के मुख्यमंत्री का आरोप है कि विपक्ष के नेताओं द्वारा भगवान श्रीराम के मंदिर के उद्घाटन के लिए मिले निमंत्रण पर राजनीति की जा रही है।
विपक्ष के नेताओं से की अयोध्या जाने की अपील
अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विपक्ष की अटकलों पर बोलते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “भारत के लोग उत्साहित हैं। हम लोग तो तरस रहे हैं कि निमंत्रण मिले। उनको निमंत्रण मिला है, तो वे उसमें भी राजनीति देख रहे हैं।” वहीं उन्होंने विपक्ष के नेताओं से अयोध्या जाने की अपील करते हुए कहा, “विपक्ष के नेता इन्विटेशन मिलने के बाद भी पता नहीं क्या सोच-विचार कर रहे हैं। राजनीति को परे रखकर उन्हें अयोध्या जाना चाहिए।”
विपक्ष पर लगाए आरोप
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विपक्ष पर राम मंदिर उद्घाटन को लेकर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष के लोग अयोध्या जाएं या न जाएं, कोई फर्क नहीं पड़ता। इससे वहां की रौनक कम नहीं होगी। वहीं इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर बाबर के लोगों से डरने का आरोप लगाते हुए कहा, “लेकिन बाबर के लोगों से डरते हैं ये। राहुल गांधी और कांग्रेस के नेता नहीं जाएंगे राम मंदिर देखने। जब हिन्दुओं का दबाव बढ़ेगा सिर्फ तभी जाएंगे ये।”
22 जनवरी को होगा उद्घाटन
अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है। वहीं सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष के नेताओं सहित देश भर से सभी समुदाय के करीब 4000 साधुओं को भी निमंत्रण पत्र भेजा गया है। बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त मात्र 84 सेकंड का होगा, जो 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से शुरू होकर 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक चलेगा।