सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी को लेकर चर्चाओं में रहते हैं। हालांकि अब स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य को रामचरितमानस की प्रतियां जलाए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में पर्याप्त सबूत होने के कारण मुकदमे को आगे चलने का आदेश दिया है। जहां स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा दाखिल की गई याचिका को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है।
लखनऊ खंडपीठ ने दिया आदेश
समाजवादी पार्टी के महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया। कोर्ट ने आरोप पत्र देखने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ विचरण चलाने का रास्ता साफ कर दिया है। लखनऊ खंडपीठ ने इस मामले में कहा कि आरोप पत्र को देखने से स्पष्ट है कि मौर्य के खिलाफ विचारण चलाने के लिए पत्रावली पर पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। लिहाजा इस स्तर पर उन्हें कोई राहत नहीं दी जा सकती है। वहीं कोर्ट का यह भी मानना था कि जनप्रतिनिधियों को सामाजिक सौहार्द्ध खराब करने वाले कृत्यों से दूर रहना चाहिए। बता दें कि स्वामी प्रसाद द्वारा रामचरितमानस की प्रतियां जलाए जाने के मामले में यह आदेश जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने पारित किया।
सपा नेता ने आदेश को दी थी चुनौती
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने ऊपर दर्ज हुए आरोप पत्र व निचली अदालत द्वारा उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अपराधों का संज्ञान लेने संबंधी आदेश को चुनौती दी थी। स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा डाली गई याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ प्राथमिकी राजनीतिक कारणों से दर्ज करायी गई थी। उन्होंने याचिका में यह भी कहा कि प्राथमिक की विवेचना में उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। लिहाजा उनके खिलाफ विचारण करने का कोई औचित्य नहीं बनता है।
फरवरी माह में दर्ज हुई थी एफआईआर
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य और सपा विधायक डॉ. आरके वर्मा सहित अन्य के खिलाफ रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले में 1 फरवरी 2023 को कोतवाली नगर में प्राथमिक की दर्ज कराई गई थी। जहां प्राथमिक में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि इन अभियुक्तों ने रामचरितमानस की प्रतियां जलाई हैं। साथ ही कहा गया था कि उनका यह कृत्य समाज में अशांति फैलाने का काम करने वाला था। इसलिए माहौल बिगाड़ने वाले उक्त नेताओं व उनके समर्थकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की भी मांग की गई थी। इस मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद आरोप पत्र दाखिल किया था।