भारतीय नौसेना ने एक बार फिर समुद्र में संकट के दौरान अपनी बहादुरी और तत्परता का परिचय दिया। अरब सागर में, नौसेना ने एक विदेशी तेल टैंकर में लगी भीषण आग पर सफलतापूर्वक काबू पा लिया, जिससे उसमें सवार 14 भारतीय चालक दल के सदस्यों की जान बच गई। यह घटना यूएई के फुजैरा तट से लगभग 80 समुद्री मील पूर्व में हुई। टैंकर, एमटी यी चेंग 6, पलाऊ के झंडे के नीचे नौकायन कर रहा था। टैंकर के इंजन कक्ष में आग लग गई, जिससे भारतीय चालक दल को आपातकालीन संकट संकेत भेजने के लिए प्रेरित होना पड़ा। एसओएस प्राप्त करने पर, भारतीय नौसेना ने तुरंत युद्धपोत आईएनएस तबर को अधिकतम गति से घटनास्थल पर भेज दिया।
घटनास्थल पर त्वरित प्रतिक्रिया: आईएनएस तबर की तत्परता
आग लगने की खबर मिलते ही भारतीय नौसेना ने युद्धपोत आईएनएस तबर को तुरंत अधिकतम गति से रवाना किया। आईएनएस तबर ने घटनास्थल पर पहुंचकर 7 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित रूप से अपने जहाज पर निकाल लिया। वहीं, बाकी के क्रू सदस्य और टैंकर के कप्तान ने घटनास्थल पर ही रहकर आग बुझाने में मदद की। इस त्वरित प्रतिक्रिया ने एक बड़ी आपदा को टाल दिया।
आईएनएस तबर की फायरफाइटिंग टीम का बेहतरीन काम
आईएनएस तबर से 6 सदस्यीय फायरफाइटिंग टीम ने तुरंत आग बुझाने का कार्य शुरू किया। प्रारंभिक प्रयासों में धुएं को इंजन रूम तक सीमित कर लिया गया, जिससे आग और उसके प्रभाव को काबू में किया जा सका। इसके बाद, 13 और नौसैनिकों (5 अफसर और 8 नाविक) को भेजा गया, जिससे राहत और बचाव कार्य को और गति मिली।
मेडिकल जांच में सभी सुरक्षित पाए गए
इस साहसिक ऑपरेशन में किसी भी नौसैनिक को चोट नहीं आई, और 14 भारतीय क्रू मेंबर्स को मेडिकल टीम द्वारा जांच कर सुरक्षित घोषित किया गया। भारतीय नौसेना ने यह सुनिश्चित किया कि सभी को उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए, और कोई भी घायल नहीं था।
साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन: 14 भारतीयों की जान बचाई
भारतीय नौसेना ने इस मिशन को “उच्च जोखिम वाला रेस्क्यू ऑपरेशन” बताया और कहा कि यह ऑपरेशन एक बार फिर साबित करता है कि भारतीय नौसेना समुद्री सुरक्षा, आपातकालीन प्रतिक्रिया और मानवता के लिए हमेशा तैयार है। इस ऑपरेशन ने न केवल एक जहाज को जलने से बचाया, बल्कि 14 भारतीयों की जान भी सुरक्षित की। यह भारतीय नौसेना की समुद्र में दीर्घकालिक निगरानी और तत्परता का जीवंत उदाहरण है।
फायरफाइटिंग टीम की तेज़ कार्रवाई और संघर्ष
आईएनएस तबर ने जहाज पर 6 सदस्यीय फायरफाइटिंग और डैमेज कंट्रोल टीम को तैनात किया, जिनके पास सभी आवश्यक उपकरण थे। इसके परिणामस्वरूप, आग और धुएं को इंजन कक्ष तक ही सीमित कर दिया गया, जिससे स्थिति पर काबू पाया गया। इसके बाद, 13 और नौसैनिकों को भी जहाज पर भेजा गया, जिसमें 5 अधिकारी और 8 नाविक शामिल थे, जिन्होंने राहत और बचाव कार्य को और मजबूती दी।
नौसेना की तत्परता और भारतीय नौसेना की सशक्त भूमिका
यह ऑपरेशन भारतीय नौसेना की तत्परता, संकल्प और साहस को दर्शाता है। भारतीय नौसेना न केवल समुद्र में दुश्मनों से मुकाबला करने के लिए तैयार है, बल्कि आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने में भी पूरी तरह सक्षम है। इस मिशन ने भारतीय नौसेना की समुद्र की सच्ची प्रहरी के रूप में अपनी छवि को और मजबूती से स्थापित किया है।