भारतीय नौसेना को आज रूस से एक बेहद उन्नत और शक्तिशाली युद्धपोत, INS तमाल मिलने वाला है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस, इस स्टेल्थ मल्टी-रोल फ्रिगेट को रूस के कलिनिनग्राद में आधिकारिक तौर पर नौसेना में शामिल किया जाएगा। ‘तमाल’ क्रिवाक-क्लास फ्रिगेट श्रृंखला का आठवाँ जहाज़ है और तुशील-क्लास का दूसरा। यह युद्धपोत न केवल लंबवत रूप से प्रक्षेपित सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस है, बल्कि इसमें 100 मिमी की उन्नत नौसैनिक तोप, हैवीवेट टॉरपीडो, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली भी है।
कालिनिनग्राद में हुआ INS तमाल का भव्य कमीशन
1 जुलाई 2025 यानि आज भारत ने नौसेना में एक और ताकतवर युद्धपोत को शामिल कर इतिहास रच दिया। रूस के कालिनिनग्राद स्थित यंतर शिपयार्ड में INS तमाल को भारतीय नौसेना में औपचारिक रूप से कमीशन किया गया। इस मौके पर वेस्टर्न नेवी कमांड के चीफ वाइस एडमिरल संजय जे. सिंह भी मौजूद रहे।
INS तमाल: क्रिवाक क्लास का आठवां और तुशील क्लास का दूसरा जहाज
INS तमाल, क्रिवाक क्लास फ्रिगेट्स की श्रृंखला का आठवां और तुशील क्लास का दूसरा युद्धपोत है। इस पर तैनात 250 से अधिक नौसैनिकों ने रूस की कठोर सर्दियों में व्यापक प्रशिक्षण लिया है। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा बनेगा।
तीन महीनों तक हुए गहन समुद्री परीक्षण
INS तमाल ने कमीशन से पहले तीन महीनों में कई समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। यह युद्धपोत भारत और रूस के बीच रक्षा तकनीक के साझा विकास का सशक्त उदाहरण है।
तमाल में 26 स्वदेशी उपकरण, आत्मनिर्भर भारत की झलक
INS तमाल में 33% स्वदेशी उपकरणों का उपयोग हुआ है, जिनमें से एक है ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल। यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
INS तमाल की खासियतें: तकनीक और ताकत का मेल
- सतह से हवा में मार करने वाली वर्टिकल लॉन्च मिसाइलें
- 100 मिमी की एडवांस गन
- हेवीवेट टॉरपीडो और एंटी-सबमरीन रॉकेट
- नेटवर्क सेंट्रिक वॉरफेयर क्षमता
- अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम
- 30 नॉट्स से अधिक गति और लंबी समुद्री दूरी तक संचालन की क्षमता
- हेलिकॉप्टर ऑपरेशन की सुविधा
INS तमाल का मतलब और प्रतीक चिह्न
INS तमाल का नाम देवराज इंद्र की पौराणिक तलवार से प्रेरित है। इसका प्रतीक चिह्न रामायण के योद्धा जाम्बवंत और रूसी ब्राउन बियर के मेल से तैयार किया गया है। इसके सैनिक खुद को “The Great Bears” कहते हैं और इसका आदर्श वाक्य है: “सर्वदा सर्वत्र विजय” (हर जगह, हर समय जीत)।
INS तमाल से क्यों कांप रहा है पाकिस्तान?
- ब्रह्मोस मिसाइल से लैस
- स्टील्थ तकनीक से रडार को चकमा देने में सक्षम
- कराची बंदरगाह के पास भारत की सामरिक पकड़ को मजबूत करेगा
- 100 मिमी गन, टॉरपीडो और रॉकेट के साथ दुश्मन को तबाह करने की क्षमता
- दुश्मन के S-500 एयर डिफेंस सिस्टम से भी बच निकलने में सक्षम
INS तमाल की तैनाती से नौसेना को मिलेगा सामरिक लाभ
INS तमाल की तैनाती से भारतीय नौसेना को अरब सागर और पश्चिमी समुद्री सीमाओं पर जबरदस्त ताकत मिलेगी। यह युद्धपोत समुद्र में निगरानी, सुरक्षा और हमले की क्षमताओं को कई गुना बढ़ा देगा।
INS तमाल: भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक
INS तमाल, भारत और रूस की दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है। इसका निर्माण रूसी तकनीक और भारतीय आत्मनिर्भरता के सहयोग से हुआ है। यह न केवल एक युद्धपोत है, बल्कि भारत की तकनीकी प्रगति और रक्षा क्षेत्र में वैश्विक सहयोग का परिचायक है।
क्या होता है युद्धपोत और इसके प्रकार
युद्धपोत नौसेना के जहाजों की विशेष श्रेणी होती है जो युद्ध, निगरानी और रक्षा में उपयोग होते हैं। इनमें स्टील्थ, मिसाइलें, गन और टॉरपीडो जैसी क्षमताएं होती हैं। INS तमाल एक ‘फ्रिगेट क्लास’ युद्धपोत है — चुस्त, शक्तिशाली और बहु-भूमिका वाला।
शिवालिक-क्लास से INS तमाल तक: भारतीय युद्धपोतों का सफर
INS नीलगिरी से लेकर शिवालिक और अब तमाल तक, भारत लगातार स्वदेशी और विदेशी सहयोग से अपने युद्धपोत बेड़े को मजबूत कर रहा है। INS तमाल इस श्रृंखला में सबसे नवीनतम और शक्तिशाली स्टील्थ मल्टीरोल युद्धपोत है।