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इसरो चंद्रयान-5 मिशन के साथ करेगा चंद्रमा का अध्ययन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

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इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने घोषणा की है कि केंद्र सरकार ने महत्वाकांक्षी चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दे दी है। इस मिशन के ज़रिए इसरो का लक्ष्य चंद्रमा का और अन्वेषण करना है। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 में 25 किलोग्राम का प्रज्ञान रोवर था, जबकि चंद्रयान-5 में 250 किलोग्राम का रोवर चांद की सतह पर तैनात किया जाएगा। चंद्रयान मिशन का ध्यान चंद्रमा की सतह का गहराई से अध्ययन करने पर रहा है। नारायणन ने आगे कहा, “हमें चंद्रयान-5 के लिए तीन दिन पहले ही मंज़ूरी मिली है। यह मिशन जापान के सहयोग से चलाया जाएगा।”

 

चंद्रयान-5 मिशन की घोषणा के बाद वैज्ञानिक समुदाय में जबरदस्त उत्साह

चंद्रयान मिशनों का उद्देश्य चंद्रमा की सतह और वहां मौजूद खनिजों का विस्तृत अध्ययन करना है। इसरो के वैज्ञानिक लगातार इस दिशा में कार्यरत हैं, जिससे भारत अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। चंद्रयान-5 मिशन की घोषणा के बाद वैज्ञानिक समुदाय में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है और अब सभी की निगाहें इस महत्वाकांक्षी मिशन पर टिकी हैं।

 

इसरो चंद्रयान के तीन मिशन पूरे कर चुका

चंद्रयान मिशन के तहत चंद्रमा की सतह का गहन अध्ययन किया जा रहा है। 2008 में लॉन्च हुए चंद्रयान-1 मिशन ने सफलतापूर्वक चंद्रमा की सतह पर रसायनों और खनिजों की खोज की थी, साथ ही उसकी भू-स्थैतिक मैपिंग भी की थी। चंद्रयान-2 मिशन ने अपने उद्देश्यों का 98% पूरा किया, हालांकि इसकी लैंडिंग आंशिक रूप से सफल रही। चंद्रयान-3 मिशन ने चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग की और रोवर के माध्यम से महत्वपूर्ण वैज्ञानिक आंकड़े जुटाए। चंद्रयान-2 मिशन के तहत भेजा गया हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरा अब भी चंद्रमा की सैकड़ों तस्वीरें भेज रहा है, जिससे इसरो को महत्वपूर्ण जानकारियां मिल रही हैं।

 

चंद्रयान-4 मिशन के 2027 में लॉन्च होने की उम्मीद

इसरो प्रमुख वी. नारायणन ने घोषणा की कि केंद्र सरकार ने हाल ही में चंद्रयान-5 मिशन को मंजूरी दी है, जिसे भारत जापान के सहयोग से संचालित करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि चंद्रयान-4 मिशन के 2027 में लॉन्च होने की उम्मीद है, जिसका मुख्य उद्देश्य चंद्रमा से नमूने एकत्र कर पृथ्वी पर लाना है।इसरो की भविष्य की योजनाओं पर बोलते हुए नारायणन ने कहा कि गगनयान समेत कई महत्वाकांक्षी मिशनों के साथ भारत अपने स्वयं के अंतरिक्ष स्टेशन – भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रहा है। हाल ही में इसरो ने अपने अंतरिक्ष डॉकिंग प्रयोग स्पैडेक्स की सफल अनडॉकिंग पूरी की, जो चंद्रयान-4 और अन्य भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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