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“वोट के लिए परिवार के बलिदान को भूल गए खड़गे”

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए कहा कि “महागठबंधन केवल वोट बैंक की राजनीति करता है। उन्होंने कहा, “निजाम के रजाकारों द्वारा खड़गे का गांव भी जलाया गया था।जिसमें उनकी माताजी, चाची और बहन भी मौजूद थी, लेकिन खड़गे सच्चाई को नहीं बोलना चाहते। उन्हें डर है कि अगर उन्होंने निजाम पर आरोप लगाए तो उनका मुस्लिम वोटबैंक खिसक जाएगा।”

 

अपने परिवार के बलिदान को भूल दिया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि “कांग्रेस इतिहास को भी झुठलाने का काम कर रही है। जिस निजाम के रजाकारों ने हिंदुओं का कत्लेआम किया, गांव के गांव जला दिए थे। मल्लिकार्जुन खड़गे इस सच्चाई को स्वीकार नहीं करना चाहते। उन्होंने वोट के लिए अपने परिवार के बलिदान को भूल दिया है।”

 

CM योगी ने दिया कड़ा जवाब

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अमरावती में एक रैली के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की साधुओं के वेश में नेताओं वाली टिप्पणी का कड़ा जवाब दिया। सीएम योगी ने कहा, “आजकल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अनावश्यक रूप से मेरे ऊपर गुस्से में हैं। खरगे जी मेरे ऊपर गुस्सा मत कीजिए, मैं तो आपकी उम्र का सम्मान करता हूं। लेकिन अगर गुस्सा करना है तो हैदराबाद के निज़ाम के रजाकारों पर कीजिए, जिन्होंने आपके गांवों को जलाया था, हिंदुओं का नरसंहार किया था। उन्होंने आपकी पूज्य माता, बहन और परिवार के लोगों को जलाया था। इस सच्चाई को सामने लाकर बताइए कि जब बटेंगे तो इस तरह की निर्ममता से ही कटेंगे।”

 

मैं एक योगी हूं और एक योगी के लिए देश पहले होता है

सीएम योगी ने कहा कि पिछले 3 दिन से कांग्रेस अध्यक्ष खरगे जी मुझपर नाराज हैं। मैं कह रहा हूं खड़गे जी मैं एक योगी हूं और एक योगी के लिए देश पहले होता है। मेरे नेता मोदी जी के लिए देश पहले है। लेकिन आपके लिए कांग्रेस का तुष्टीकरण सर्वोपरि है। खड़गे जी का गांव हैदराबाद के निजाम के आधीन रहने वाला एक गांव था।

 

कौन थे रजाकार?

15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश हुकूमत से स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन हैदराबाद राज्य में निजाम की निरंकुश शाही शासन व्यवस्था बनी रही। हैदराबाद के निजाम, मीर उस्मान अली खान, ने भारतीय संघ में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इसके परिणामस्वरूप निजाम की सेना, जिन्हें रजाकार कहा जाता था, ने 1947-48 के दौरान वहां के आम लोगों पर भारी अत्याचार किए। रजाकारों द्वारा जातीय हिंसा, लूटपाट, जबरन वसूली, महिलाओं के साथ दुराचार, आगजनी और अन्य प्रकार के अत्याचार किए गए। इस स्थिति को समाप्त करने के लिए भारतीय सरकार ने “ऑपरेशन पोलो” के तहत 1948 में मिलिट्री कार्यवाही की, जिसके बाद हैदराबाद राज्य भारतीय संघ का हिस्सा बना।

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