बांग्लादेश में जारी हिंसा के संबंध में बिहार सरकार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने भी बांग्लादेश में हिंदू समाज और मंदिरों पर हो रहे हमलों पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि “इस पूरे घटनाक्रम में हिंदू समाज को निशाना बनाकर प्रताड़ित किया गया है। हिंदुओं के मंदिरों को तोड़ा जाना असहनीय है। किसी भी समाज को टार्गेट कर उनकी भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए।”
ममता पर लगाया आरोप
बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि “ममता बनर्जी हिंदू विरोधी हैं और मुस्लिम वोट बैंक के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। वह मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रही हैं और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चुप्पी साधे हुए हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “ममता बनर्जी कानून से परे जाकर मुस्लिम समाज के लिए कोर्ट में मुकदमा भी लड़ चुकी हैं। उनका यह रवैया समाज में विभाजन की राजनीति को बढ़ावा देता है।”
बांग्लादेश में कैसे बनें ये हालात
बांग्लादेश में जो परिस्थितियां पैदा हुईं हैं और वहां जो कुछ हो रहा है, उसकी शुरुआत कई हफ्तों पहले हो चुकी थी। छात्रों द्वारा सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था में सुधार की मांग को लेकर बांग्लादेश के तमाम शहरों में पिछले कई हफ्तों से विरोध प्रदर्शन हो रहे थे और इस विरोध प्रदर्शन ने अब एक विकराल रूप धारण कर लिया है। वहां अब हिंदू समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर अत्याचार किया जा रहा है।
क्या है आरक्षण को लेकर विवाद?
जो भी आरक्षण प्रणालियां है उनमें से विवाद केवल उस 30 प्रतिशत आरक्षण को लेकर है, जो स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों को दिए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो छात्रों का कहना है कि सरकार उन लोगों को आरक्षण देने के पक्ष में है, जो शेख हसीना की सरकार का समर्थन करते हैं। छात्रों का आरोप है कि मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां नहीं दी जा रहीं हैं।
भारतीय सेना को राजनीति से कोई लेना-देना नहीं
बांग्लादेश के मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए अभिनेता रजा मुराद ने सलमान खुर्शीद के दिए गए बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि “जो बांग्लादेश में हो रहा है भारत में भी हो सकता है” उसका जवाब दिया है उन्होंने कहा “यहां ऐसी कोई बात नहीं होगी। हमारे देश में लोगों को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है और उन्होंने अपनी राय व्यक्त की है, लेकिन यकीन के साथ मेरा मानना है कि भारत में ऐसा नहीं होगा और ऐसा होना भी नहीं चाहिए। हमारे देश की सेना को राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। वह पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य निभाती है। वह कभी हद पार नहीं करती, वह बाढ़, तूफान और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं में लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे आती है।”