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“वन नेशन-वन इलेक्शन” के प्रस्ताव को मिली मोदी कैबिनेट की मंजूरी

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देश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव एक साथ करवाने की राह अब आसान हो जाएगी क्योंकि अब मोदी कैबिनेट ने “वन नेशन वन इलेक्शन” के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसका उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनावों को एक ही समय पर कराना है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद इस प्रस्ताव को अब कैबिनेट में मंजूरी मिल गई है।

शीतकालीन सत्र में पेश हो सकता है बिल

संभावना जताई जा रही है कि अब केंद्र सरकार “वन नेशन वन इलेक्शन” के बिल को शीतकालीन सत्र में संसद में लाएगी। हालांकि, ये संविधान संशोधन वाला बिल है और इसके लिए राज्यों की सहमति भी जरूरी है।

32 राजनीतिक दलों का मिला समर्थन

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी ने “वन नेशन वन इलेक्शन” के मुद्दे पर 62 पार्टियों से संपर्क किया था और इस पर जवाब देने वाले 47 राजनीतिक दलों में से केवल 32 ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया था, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया।

पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होंगे और इसके 100 दिन बाद स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कमेटी के सुझावों पर देश भर में चर्चा होगी। सभी से आह्वान है कि इस पर अपनी राय जरूर दें। इस व्यवस्था से लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी और खर्च बचेंगे।

एक साथ चुनाव से क्या मिलेंगे फायदे?

• चुनाव पर होने वाले करोड़ों के खर्च में होगी बचत।

• बार बार चुनाव कराने से होगे निजात।

• फोकस चुनाव पर नहीं बल्कि विकास पर होगा।

• बार-बार आचार संहिता से पड़ने वाले असर से निजात।

• काले धन पर भी लगेगी लगाम।

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