देश की नौसेना की शक्ति में आज और वृद्धि हुई है क्योंकि नौसेना को तीन नए घातक युद्धपोत आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर प्राप्त हुए हैं। इस ऐतिहासिक मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन तीनों युद्धपोतों को नौसेना में शामिल किया।
सबसे गर्व की बात यह है कि ये तीनों हथियार स्वदेशी हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले कहा, “15 जनवरी के दिन को सेना दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले प्रत्येक जांबाज को मैं नमन करता हूं। मां भारती की रक्षा में जुटे हर वीर-वीरांगना को मैं बधाई देता हूं।” पीएम मोदी ने आगे कहा कि “आज भारत की समुद्री विरासत, नौसेना के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए भी बहुत बड़ा दिन है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने भारतीय नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था। 21वीं सदी की नौसेना को सशक्त करने की दिशा में हम एक बड़ा कदम उठा रहे हैं। यह पहली बार है, जब एक डिस्ट्रॉयर, एक फ्रिगेट और एक सबमरीन को एक साथ कमीशन किया जा रहा है। सबसे गर्व की बात यह है कि ये तीनों हथियार स्वदेशी हैं।”
भारत विकासवाद की भावना से काम करता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज भारत पूरे विश्व और खासकर ग्लोबल साउथ में एक भरोसेमंद और जिम्मेदार साथी के रूप में पहचाना जा रहा है। भारत विस्तारवाद नहीं, भारत विकासवाद की भावना से काम करता है। 21वीं सदी के भारत का सैन्य सामर्थ्य भी अधिक सक्षम और आधुनिक हो, ये देश की प्राथमिकताओं में से एक है। जल हो, थल हो, नभ हो, डीप सी हो या फिर असीम अंतरिक्ष हर जगह भारत अपने हितों को सुरक्षित कर रहा है। इसके लिए निरंतर रिफॉर्म किए जा रहे हैं।”
भारत ने हमेशा खुले, सुरक्षित, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन किया
पीएम मोदी ने कहा, “भारत ने हमेशा खुले, सुरक्षित, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन किया है, इसलिए जब समुंद्र से सटे देशों के विकास की बात आई तो भारत ने SAGAR का मंत्र दिया। SAGAR का मतलब क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास है। हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल कई बड़े निर्णयों के साथ शुरू हुआ है। तेज गति से हमने नई नीतियां बनाई हैं, देश की जरूरतों को देखते हुए हमने नए कार्य शुरू किए हैं, देश के हर कोने, हर सेक्टर का विकास हो, इस लक्ष्य के साथ हम चल रहे हैं।”
तीनों प्लेटफॉर्म्स में क्या है ख़ास?
- आईएनएस सूरत दुनिया के सबसे बड़े और सबसे बेहतर विध्वंसकों में से एक है। यह पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर प्रोजेक्ट का चौथा युद्धपोत है। इसमें 75 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है।
- आईएनएस नीलगिरी 17ए स्टेल्थ फ्रिगेट प्रोजेक्ट का पहला युद्धपोत है। इसे समुद्र में लंबे समय तक रहने तथा स्टेल्थ क्षमता के साथ डिजाइन किया गया है। इसे भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिजाइन किया है।
- आईएनएस वाघशीर नौसेना के समुद्री बेड़े में इजाफा करने के लिए जहाज-पनडुब्बी निर्माण की चल रही परियोजना पी-75 के तहत निर्मित छठी स्कॉर्पीन पनडुब्बी है।