प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) कॉन्क्लेव के पहले संस्करण का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे भी मौजूद थे। 21 से 22 फरवरी तक चलने वाला दो दिवसीय SOUL लीडरशिप कॉन्क्लेव एक प्रमुख मंच के रूप में काम करेगा, जहाँ राजनीति, खेल, कला और मीडिया, अध्यात्म, सार्वजनिक नीति, व्यवसाय और सामाजिक क्षेत्रों जैसे विविध क्षेत्रों के नेता अपनी प्रेरक जीवन यात्राएँ साझा करेंगे और नेतृत्व के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे। कार्यक्रम के दौरान, प्रधान मंत्री मोदी ने असाधारण नेताओं को विकसित करने के महत्व पर जोर दिया, कहा कि यह समय की माँग है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप’ की स्थापना भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण और निर्णायक कदम है।
कुछ आयोजन ऐसे होते हैं जो हृदय के बहुत करीब होते हैं
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, ‘कुछ आयोजन ऐसे होते हैं जो हृदय के बहुत करीब होते हैं आज का कार्यक्रम भी ऐसा ही है। राष्ट्र निर्माण के लिए बेहतर नागरिकों का विकास जरूरी है। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण, ‘जन से जगत’, किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करने के लिए आरंभ जन से ही होता है।’
SOUL की स्थापना ‘विकसित भारत’ की यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए नागरिकों का विकास अनिवार्य है। व्यक्ति के विकास से ही राष्ट्र का निर्माण होता है और जन से जगत तक पहुंचना हमारा उद्देश्य है। यदि किसी भी ऊंचाई को प्राप्त करना है, तो इसकी शुरुआत जन से ही होनी चाहिए। हर क्षेत्र में बेहतरीन नेतृत्व का विकास बहुत जरूरी है और समय की मांग है। इसी सोच के साथ SOUL की स्थापना ‘विकसित भारत’ की यात्रा में एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक कदम है।
PM मोदी ने की स्वामी विवेकानंद की भी चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था, “मुझे 100 ऊर्जावान युवा पुरुष और महिलाएं दीजिए और मैं भारत को बदल दूंगा।” स्वामी जी ने गुलामी से मुक्त और परिवर्तित भारत की कल्पना की थी। उनका विश्वास था कि सशक्त नेतृत्व को प्रोत्साहित कर न केवल भारत को स्वतंत्र कराया जा सकता है, बल्कि इसे विश्व में शीर्ष स्थान पर भी पहुंचाया जा सकता है।
सारे सेक्टर्स में भारत का प्रभाव और असर कई गुना बढ़ेगा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज हर भारतीय, 21वीं सदी के ‘विकसित भारत’ के लिए दिन-रात काम कर रहा है। ऐसे में 140 करोड़ के देश में भी हर सेक्टर में, हर वर्टिकल में, जीवन के हर पहलू में हमें उत्तम से उत्तम नेतृत्व की जरूरत है। आने वाले समय में जब हम लो कूटनीति से टेक इनोवेशन तक एक नई नेतृत्व को आगे बढ़ाएंगे तो सारे सेक्टर्स में भारत का प्रभाव और असर कई गुना बढ़ेगा। यानी एक तरह से भारत का पूरा विजन और भविष्य एक मजबूत नेतृत्व पीढ़ी पर निर्भर होगा, इसलिए हमें वैश्विक सोच और स्थानीय पालन-पोषण के साथ आगे बढ़ना है।
भूटान के प्रधानमंत्री ने PM मोदी को कहा ‘बड़ा भाई’
सोल लीडरशिप कॉन्क्लेव में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने कहा, “प्रधानमंत्री जी। मेरे बड़े भाई, जब भी मुझे आपसे मिलने का मौका मिलता है, मैं खुशी से झूम उठता हूं। मेरे गुरु, जब भी मैं आपसे मिलता हूं, मैं एक लोक सेवक के रूप में और भी अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित होता हूं। स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच है और यह प्रामाणिक नेताओं को विकसित करने और उन्हें महान भारतीय गणराज्य की सेवा करने के लिए सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री की अटूट प्रतिबद्धता का एक और प्रमाण है।” इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि अपनी बुद्धिमत्ता, साहस और दयालु नेतृत्व के माध्यम से मोदी ने पिछले 10 वर्षों में भारत को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया है।