प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल में कथित राशन घोटाले को लेकर बड़ी कार्यवाही की है। टीएमसी के नेता और बोनगांव नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष शंकर आध्या पर कथित तौर पर राशन घोटाले के आरोप लगे थे। आरोपों के बाद ED की टीम ने पहले शंकर आध्या और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों की 17 घंटे तक तलाशी ली। वहीं तलाशी के बाद ED की टीम ने इस मामले में संतोषजनक जवाब न दे पाने के चलते टीएमसी नेता को गिरफ्तार कर लिया।
ED अधिकारी ने कहा टीएमसी नेता ने नहीं दिए संतोषजनक जवाब
टीएमसी नेता की गिरफ्तारी को लेकर ED अधिकारियों ने जानकारी साझा करते हुए कहा, “तलाशी के साथ-साथ आध्या से पूछताछ भी की जा रही थी। उनके जवाब संतोषजनक नहीं होने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद, महिलाओं के नेतृत्व में आद्या के समर्थकों ने अधिकारियों को उन्हें अपने साथ ले जाने से रोकने की कोशिश की। हमारे साथ आए सीआरपीएफ कर्मियों ने स्थिति को नियंत्रित किया।”
टीएमसी नेता के ससुराल से जब्त किए 8 लाख रूपये
ED ने कथित राशन घोटाले को लेकर टीएमसी नेता शंकर आध्या की संपत्तियों के साथ-साथ उनके ससुराल वालों के आवासों, उनके सहयोगियों और उनसे जुड़ी एक आइसक्रीम फैक्ट्री की भी तलाशी ली थी। जहां ED ने ससुराल वालों के घर से 8 लाख रूपये की नगदी जब्त की। वहीं गिरफ्तारी के बाद मीडिया कर्मियों से बात करते हुए शंकर आध्या ने कहा, “मैं ईडी के साथ सहयोग करूंगा और हर संभव तरीके से उनकी मदद करूंगा।”
ममता बनर्जी पर उठ रहे सवाल
टीएमसी नेता की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ED को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहती थी कि भारतीय जनता पार्टी ED का दुरुपयोग कर रही है, लेकिन ममता बनर्जी पर यह सवाल उठ रहा है कि अगर उनकी पार्टी के नेता ने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है, तो वह ED के सवालों का सही से जवाब क्यों नहीं दे पाए हैं?आखिर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले क्यों सामने आ रहे हैं?