विपक्षी गठबंधन इंडिया द्वारा लगातार हिंदू धर्म पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बता दें कि इंडिया गठबंधन के कई नेता हिंदू धर्म पर विवादित टिप्पणी देते रहते हैं। जहां अब इंडिया गठबंधन में शामिल समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिंदू धर्म पर एक बार फिर सवाल उठा दिए हैं। समाजवादी पार्टी के नेता प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को धोखा बताया है। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब समाजवादी पार्टी के नेता द्वारा हिंदू धर्म को लेकर इस प्रकार का विवादित बयान दिया गया हो। इससे पहले भी स्वामी प्रसाद मौर्य ने कई बार हिंदू धर्म पर विवादित बयान दिया है।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को बताया धोखा
समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में हो रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को धोखा बताया है। राजकीय इंटर कालेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव में शामिल होने पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि करोड़ों के आराध्य की कोई प्राण प्रतिष्ठा क्या करेगा। इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नितिन गडकरी और संघ प्रमुख मोहन भागवत हिंदू धर्म को जीवन जीने की कला बताते हैं। यही बात हमने कही तो पूरे देश में हल्ला हो गया। आज विचारों की लड़ाई है। देश में ढोंग-ढकोसला चलेगा या विज्ञान।
रामायण में भी हिंदू नहीं होने का दिया बयान
स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस दौरान न सिर्फ रामलला की अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सवाल उठाए बल्कि हिंदू धर्म को लेकर भी बड़ा विवादित बयान दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि संविधान देश के 140 करोड़ जनता की बात करता है। यही बात 1995 में न्यायालय ने कही, तब किसी की चिड़िया चूं नहीं की। उन्होंने कहा कि हिंदू शब्द का प्रयोग किसी वेद, स्मृति, पुराण व वाल्मीकि रामायण में नहीं है। यहां तक कि तुलसी बाबा की रामायण में भी हिंदू शब्द नहीं है।
आखिर समाजवादी पार्टी कब करेगी स्वामी प्रसाद को निष्कासित ?
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू धर्म को लेकर लगातार विवाद टिप्पणी कर रहे हैं। लेकिन समाजवादी पार्टी द्वारा उन पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। बता दें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी के सांसद रमेश बिधूड़ी को निष्कासित करने की मांग की थी। लेकिन सांसद रमेश बिधूड़ी पर सवाल उठाने वाले अखिलेश यादव अपनी ही पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को आखिर क्यों नजरअंदाज कर रहे हैं। क्या अखिलेश यादव अपनी पार्टी के नेताओं को विवादित टिप्पणी करने की छूट देते हैं ?