कोलकाता में हुए महिला डॉक्टर के साथ रेप व हत्या मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में अपना आवेदन दाखिल कर दिया है। जिसमें उन्होंने कहा कि “पश्चिम बंगाल सरकार का रवैया बेहद असहयोग भरा है। इससे CISF के काम में परेशानी आ रही है।”
गृह मंत्रालय ने आवेदन में क्या कहा?
गृह मंत्रालय ने आवेदन में कहा कि “अदालत के आदेश के अनुसार, हॉस्पिटल की सुरक्षा CISF के जिम्मे है। लेकिन वहां CISF जवानों के ठहरने के इंतजाम नहीं किए गए है। जवानों को रोजाना करीब एक घंटे का सफर तय करके यहां पर पहुंचना पड़ता है। ऐसे में किसी आपात स्थिति में अतिरिक्त फोर्स उपलब्ध कराना संभव नहीं हो पाएगा।”
पश्चिम बंगाल सरकार का रवैया बेहद असहयोग भरा
गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से आग्रह किया है कि “CISF के लिए व्यवस्था की जाए। अगर राज्य सरकार ऐसा नहीं करती है, तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी।” मंत्रालय का कहना है कि “पश्चिम बंगाल सरकार का रवैया बेहद असहयोग भरा है। इससे CISF के काम में परेशानी आ रही है।” गौरतलब है कि इस मामले में अब 5 सितंबर को सुनवाई होनी है।
CISF के जवान तैनात
पश्चिम बंगाल कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की रेप व हत्या मामले के बाद से सरकार ने वहां CISF के जवान तैनात कर दिए हैं। इस घटना के बाद प्रदर्शन और न्याय मांग रहे छात्रों की भी यही मांग थी। स्टूडेंट्स हॉस्टल के सामने भी सीआईएसएफ के जवान पहरा दे रहे हैं। और जिस जगह पर ये घटना हुई, वहां भी CISF के जवान तैनात हैं। इसपर गृहमंत्रालय का आरोप है कि अगर जवानों को सुविधाएं नहीं मिलेंगी, तो उन्हें परेशानी होगी आने जाने की सुविधा नहीं मिलेगी, तो आने में देरी होगी। तो सुरक्षा का ध्यान कैसे रखा जाएगा उन्होंने कहा है कि जवानों को जल्दी से जल्दी सुविधा प्रदान की जाएं।
क्या है पूरा मामला?
पश्चिम बंगाल कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त को महिला डॉक्टर के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले को लेकर तभी से पूरे पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शन रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं।कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीते दिनों इस केस की जांच सीबीआई को सौंपी थी। जिसके बाद CBI ने इस मामले के मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिसके खिलाफ CBI के पास 50 से अधिक सबूत हैं। इस केस में कई आरोपियों का पॉलीग्राम टेस्ट हुए हैं।