अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं। राम मंदिर के उद्घाटन के लिए निमंत्रण पत्र भी बांटे जा चुके हैं। विपक्षी पार्टी कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को राम मंदिर उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया है। हालांकि अभी तक कांग्रेस की तरफ से उद्घाटन में शामिल होने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
कांग्रेस महासचिव ने दी जानकारी
राम मंदिर उद्घाटन को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित वरिष्ठ नेता को मिले निमंत्रण को लेकर जानकारी देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा, “मैंने इसे बार-बार कहा है, मैं इसे एक बार फिर कहूंगा। खड़गे जी को निमंत्रण मिला है, सोनिया जी को निमंत्रण मिला है। सही समय पर मैं आपको उनका निर्णय बताऊंगा।” दरअसल अभी तक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष ने भी राम मंदिर उद्घाटन को लेकर कोई बयान नहीं दिया है।
क्या है कांग्रेस की स्थिति?
कांग्रेस नेता अयोध्या में भगवान श्री राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होंगे या नहीं इसको लेकर उन्होंने फिलहाल कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की है, लेकिन इस समय कांग्रेस बड़ी असमंजस की स्थिति में फंसी हुई है। कांग्रेस के कई नेताओं का मानना है कि अगर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होते हैं, तो जनता के बीच संदेश जाएगा कि कांग्रेस पार्टी भाजपा के हाथों पर खेलने लगी है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी इस बात को लेकर भी असमंजस में है कि अगर मंदिर उद्घाटन में शामिल नहीं होते हैं, तो वह हिंदू विरोधी कहलाएंगे।
आखिर राम मंदिर से कांग्रेस क्यों बना रही दूरी?
कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर निर्माण के समय से ही मंदिर से दूरी बना रखी है। राम मंदिर निर्माण देखने के लिए भी कांग्रेस पार्टी के नेता अयोध्या नहीं गए। यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी पर लगातार निशाना साधती रही है कि कांग्रेस पार्टी राम मंदिर का निर्माण नहीं करवाना चाहती थी। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने राम मंदिर को राजनीतिक रूप से इस्तेमाल करने के कांग्रेस के आरोपों को नकारा है।