राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक का आयोजन केशव कुंज (दिल्ली) में आज से 06 जुलाई 2025 तक होने जा रहा है। इस बैठक का उद्देश्य संगठनात्मक विषयों पर चर्चा करना और संगठन की कार्यप्रगति और अनुभवों का मूल्यांकन करना है। यह बैठक कोई निर्णय लेने वाली नहीं होगी, बल्कि इसमें कार्य विभागों के कार्यों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
क्वार्टरली रिपोर्ट और स्वदेशी कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित
बैठक में स्वदेशी कार्यक्रमों, सेवा विभागों और तटरक्षक जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष चर्चा होगी। बैठक में स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण वर्गों, उनके सामाजिक कार्यों और आगामी कार्यक्रमों पर भी चर्चा की जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य भारतीय समाज में संघ की भूमिका को और भी सशक्त बनाना है।
क्वार्टर रिपोर्ट पर विशेष चर्चा
बैठक में क्वार्टर रिपोर्ट और नवीनतम घटनाओं का मूल्यांकन किया जाएगा। इस दौरान संघ के कार्यों और रिपोर्टों को प्राथमिकता दी जाएगी। केंद्र और राज्य स्तर पर संघ के प्रयासों को साझा किया जाएगा, ताकि आने वाले वर्षों में भारतीय समाज में उसकी उपस्थिति और प्रभाव और भी मजबूत हो।
बैठक में प्रमुख नेता होंगे शामिल
बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी समेत संघ के सभी सह सरकार्यवाह, कार्य विभाग प्रमुख, और संघ प्रेरित 32 संगठनों के अखिल भारतीय संगठन मंत्री उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर मोहन भागवत जी और सरकार्यवाह जी संघ कार्यकर्ताओं को मार्गदर्शन देंगे और आगामी कार्यों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करेंगे।
स्वयंसेवकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन
संघ ने मार्च के बाद देशभर में 100 प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन किया है। इनमें 40 वर्ष से कम आयु के 75 वर्ग और 40 से 60 वर्ष की आयु के 25 वर्ग आयोजित किए गए हैं। इन प्रशिक्षणों में स्वयंसेवकों को सेवा विभाग, समाज सेवा और आपदा प्रतिक्रिया जैसी विभिन्न पहलुओं पर शिक्षा दी जाती है। इन वर्गों में भाग लेने से संघ के कार्यकर्ता न केवल स्थानीय समुदायों में सेवा करते हैं, बल्कि राष्ट्रीय संकटों में भी सक्रिय रूप से योगदान देते हैं।
शताब्दी वर्ष की तैयारी और उत्सव की योजना
संघ के शताब्दी वर्ष का मुख्य विषय बैठक का हिस्सा रहेगा। शताब्दी वर्ष के तहत 02 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी उत्सव के साथ नागपुर में इस वर्ष के उत्सव की शुरुआत की जाएगी। इसके बाद, अगले एक साल तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें शाखा स्तर पर कार्यक्रम, गृह संपर्क अभियान, और समाजवादी व पंथनिरपेक्ष शब्दों पर बहस शामिल हैं।
‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द पर बहस
संघ ने आपातकाल के 50वें वर्ष में संविधान की प्रस्तावना में किए गए बदलावों पर पुनः देशव्यापी बहस की आवश्यकता जताई है। संघ का कहना है कि ‘पंथनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को संविधान से हटाया जाए, जैसा कि इंदिरा गांधी सरकार द्वारा 1976 में किया गया था। इस मांग को लेकर संघ ने एक बार फिर से सार्वजनिक बहस शुरू करने की बात की है।
संघ का पंच परिवर्तन और समाज में समरसता
संघ ने समाज में पंच परिवर्तन का विचार रखा है। इसके अंतर्गत, संघ समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम करेगा, जिसमें समाज में सद्भाव, परिवारों की पर्यावरण अनुकूल जीवनशैली, स्व-बोध का गौरव, और नागरिक कर्तव्यों के पालन की जागरूकता शामिल है।
युवाओं की सक्रिय भागीदारी
संघ ने इस साल अपने प्रशिक्षण वर्गों में युवाओं की बड़ी संख्या में भागीदारी देखी है। इसके साथ ही, ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से 28,571 लोगों ने संघ से जुड़ने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि युवा वर्ग संघ के उद्देश्यों से जुड़ने के लिए बेहद उत्सुक है।
समाज में संघ को जानने की उत्सुकता
संघ ने कहा कि समाज में संघ को जानने और उससे जुड़ने के लिए विशेष उत्साह देखा जा रहा है। संघ ने “मेक इन इंडिया” के तहत भी समाज के विभिन्न वर्गों से संवाद स्थापित करने के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया है, जिससे समाज में एकजुटता और समरसता को बढ़ावा मिलेगा।