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कोई एससी, एसटी और ओबीसी नहीं सब हिंदू एक हैं

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राजस्थान के जयपुर स्थित विद्याधर नगर स्टेडियम में श्री बालाजी गौशाला संस्थान और विद्याधर नगर स्टेडियम आयोजन समिति द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के सातवें दिन, कथावाचक रामभद्राचार्य महाराज ने राम-भरत मिलाप का प्रसंग सुनाया। इस दौरान उन्होंने समाज में जातिवाद पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “आज छोटे-छोटे जाति समूहों में हमारे राजनेता समाज को बांट रहे हैं। अगर सरकारों में दम हो तो जाति के आधार पर आरक्षण को समाप्त कर दिया जाए।” उन्होंने आगे कहा, “आर्थिक आधार पर आरक्षण होना चाहिए। इससे जातिवाद अपने आप समाप्त हो जाएगा। कोई एससी, एसटी या ओबीसी नहीं रहेगा, सब हिंदू एक हैं, सब भारतीय एक हैं। आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू कर दो, फिर देखना, कुछ समय बाद यह जातिवाद का गृह युद्ध खुद ही समाप्त हो जाएगा।”

 

प्रतिभाओं में आरक्षण नहीं होना चाहिए

रामभद्राचार्य महाराज ने आगे कहा, “क्या हमने सवर्ण जाति में जन्म लेकर पाप किया है? लेकिन, सवर्ण जाति का बच्चा 100 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के बावजूद जूता सिलाई करेगा, जबकि अनुसूचित जाति (एससी) का बच्चा सिर्फ 4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर कलेक्टर बन जाएगा। ऐसा देश कैसे चलेगा? प्रतिभाओं में आरक्षण नहीं होना चाहिए। अगर आज नहीं, तो कुछ समय बाद ऐसा ही होगा, और तब जाति आधारित गृह युद्ध अपने आप समाप्त हो जाएगा।”

सरकारें बोलती है ‘पूज्य चरण’, लेकिन कोई ‘पूज्य मुख’ नहीं कहता

हमारे यहां हिंदू धर्म में कोई अस्पृश्यता नहीं है, कोई अछूत नहीं है। सभी चार वर्ण भगवान की रचना हैं। ब्राह्मण भगवान का मुख हैं, क्षत्रिय भगवान की भुजा हैं, वैश्य भगवान की पलथी हैं, और शूद्र भगवान के चरण हैं। अब आप बताइए, शूद्र अपवित्र कैसे हो सकता है? हम जब किसी को प्रणाम करते हैं तो हम अपना सिर उनके चरणों में झुका देते हैं। हमारी सरकारें बोलती है ‘पूज्य चरण’, लेकिन कोई ‘पूज्य मुख’ नहीं कहता। मैं सीधे सवाल करता हूं उन कर्मकांडी विचारधारा वालों से—जब भगवान के चरणों से गंगा जी जैसी पवित्र नदी उत्पन्न हुई, तो वही भगवान के चरणों से उत्पन्न होकर शूद्र कैसे अछूत हो सकता है? यह सब गलतफहमियाँ वेदों को न समझने की वजह से पैदा हुई हैं।

 

बिछुड़े हुए हिंदू वापस आएंगे

रामभद्राचार्य महाराज ने आगे कहा, हमारे आद्र रामानंदाचार्य जी ने 25 लाख हिंदूओं का एक साथ परिवर्तन किया था। मैं वर्तमान चतुर्थ रामानंदाचार्य हूं। मैं आचार्य चरण को वचन देता हूं गलता गददी के समक्ष, हम ऐसा कुछ यत्न करेंगे जिससे भारत में 80 प्रतिशत हिंदू हो जाएगा। तब सब कुछ ठीक हो जाएगा। सबका उपाय है। बहुत बच्चा पैदा करने की आवश्यकता नहीं है। सभी हमसे बिछुड़ गए। बिछुड़े हुए हिंदू वापस आएंगे। एक बार फिर हम सबको वापस लेकर आएंगे।

 

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