केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन-2024 की आज शुरुआत हुई। इसके उद्घाटन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के 75 वर्षों में 36,468 पुलिसकर्मियों ने आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनका उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित किया और उनके परिवारों को धन्यवाद दिया। गृह मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई, जिसे न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है। केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से जम्मू-कश्मीर, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा को काबू पाया गया है। उन्होंने एनआईए की भूमिका की सराहना करते हुए आगे बताया कि इस एजेंसी ने आतंकवाद से जुड़े मामलों में यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) का इस्तेमाल करते हुए अब तक 632 मामलों में से 498 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किए हैं और लगभग 95% मामलों में सजा हुई है, जो आतंकवाद के खिलाफ सरकार की कार्रवाई की सफलता को साबित करता है। गौरतलब है कि इस सम्मेलन में राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, आतंकवाद-रोधी मुद्दों से निपटने वाली केंद्रीय एजेंसियों और विभागों के अधिकारी और कानून, फोरेंसिक और प्रौद्योगिकी जैसे संबंधित क्षेत्रों के विशेषज्ञ भाग लेंगे।
युवा अधिकारियों को उच्चतम तकनीक से सुसज्जित करना होगा
अमित शाह ने कहा कि आतंकवादी हमले और उनकी साजिशें अब बिना सीमा के और अदृश्य तरीके से हमारे खिलाफ हो रही हैं। इन खतरों से निपटने के लिए, हमें अपने युवा अधिकारियों को उच्चतम तकनीक से सुसज्जित करना होगा। उन्हें उचित प्रशिक्षण देना होगा, ताकि वे किसी भी प्रकार के आतंकवादी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें। आगामी समय में यह प्रशिक्षण हमारे सुरक्षा ढांचे का अहम हिस्सा बनेगा।
केंद्रीय एजेंसियां हर कदम पर राज्य पुलिस का समर्थन करेंगी
अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय ने आतंकवाद, आतंकवादियों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र से निपटने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है, और अब हम इस दिशा में अगला कदम उठा रहे हैं। हम एक राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति तैयार करेंगे। जैसा कि मैंने पहले कहा, पुलिस राज्य का विषय है, और आतंकवाद से लड़ाई राज्य पुलिस को ही करनी होगी। हालांकि, सूचना साझा करने से लेकर कार्रवाई तक, केंद्रीय एजेंसियां हर कदम पर राज्य पुलिस का समर्थन करेंगी।
अमित शाह ने बताई सम्मेलन की विशेषता
गृहमंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि यह वार्षिक सम्मेलन पिछले कुछ वर्षों में राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले मुद्दों और आतंकवाद से उत्पन्न होने वाले खतरों पर विचार-विमर्श के लिए परिचालन बलों, तकनीकी, कानूनी और फोरेंसिक विशेषज्ञों और आतंकवाद-रोधी एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु के रूप में उभरा है।
क्या है सम्मेलन का उद्देश्य?
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद के खतरे के खिलाफ एक समन्वित सरकारी दृष्टिकोण को लागू करना है। इसके तहत विभिन्न हितधारकों के बीच तालमेल और सहयोग को बढ़ावा देना, साथ ही भविष्य की नीति निर्माण के लिए ठोस सुझाव और इनपुट प्रदान करना है। उन्होंने यह भी बताया कि सम्मेलन में उभरती तकनीकों, अंतरराष्ट्रीय कानूनी सहयोग और भारत की विभिन्न आतंकवाद-रोधी एजेंसियों द्वारा आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र को समाप्त करने के लिए अपनाई जा रही रणनीतियों से संबंधित चुनौतियों और अवसरों पर गहन चर्चा की जाएगी।