भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जीत के बाद मुख्यमंत्री के चेहरों के लिए तीनों राज्यों में पर्यवेक्षकों की टीम भेजी है। हालांकि पर्यवेक्षकों की टीम ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर दिया है। वहीं अब जनता की निगाहें राजस्थान की कुर्सी पर टिकी हुई हैं कि राजस्थान की कुर्सी पर भारतीय जनता पार्टी किस चेहरे को बिठाएगी? आखिर राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी का ताज किसके सिर सजेगा?
राजस्थान का मुख्यमंत्री बनने के लिए सामने आए ये प्रमुख नाम
राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए कई प्रमुख दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं, जिसमें से कई प्रमुख दावेदारों ने तो इस्तीफा भी दे दिया है। बाबा बालकनाथ और किरोड़ी लाल मीणा को भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली बुलाया था, लेकिन इसी बीच वसुंधरा राजे के घर विधायकों की मीटिंग होने लगी, तो अचानक खबर सामने आई कि वसुंधरा राजे भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने दिल्ली पहुंच गईं। वहीं अब इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह शेखावत और किरोड़ी लाल मीणा के साथ बाबा बालकनाथ का नाम मुख्यमंत्री की रेस में शामिल है। हालांकि बाबा बालकनाथ ने खुद को मुख्यमंत्री की रेस से बाहर बताया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को मिली राजस्थान की जिम्मेदारी
भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान का मुख्यमंत्री चुनने की जिम्मेदारी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाथ में सौंप दी है। दरअसल मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में भी पर्यवेक्षकों की टीम भेजी है, जिसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ सरोज पांडे और विनोद तावड़े का नाम शामिल है। यह तीनों पर्यवेक्षक विधायक दलों की बैठक का आयोजन करेंगे और आपसी सहमति से निर्धारित करेंगे कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा।
आज हो सकती है बैठक
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सरोज पांडे और विनोद तावड़े की अध्यक्षता में आज विधायक दलों की बैठक का आयोजन किया जा सकता है। जहां इस बैठक में यह फैसला हो सकता है कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा। बता दें कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी विधायक दलों की बैठक के बाद ही मुख्यमंत्री का ऐलान किया गया है।हालांकि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका अंतिम फैसला आलाकमान के पास ही होगा।