चुनाव आयोग द्वारा राजस्थान विधानसभा चुनाव की तारीख बदल देने के बाद अब मतगणना की तिथि में भी बदलाव की मांग उठने लगी है। बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के परिणाम 3 दिसंबर को जारी किए जाएंगे। लेकिन इसी बीच भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और तमाम राजनीतिक दल चुनाव आयोग से विधानसभा चुनाव के परिणाम जारी करने की तिथि बदलने की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त को भी पत्र लिखा जा चुका है।
पार्टियों के साथ प्रमुख चर्चों के समूह ने भी लिखा पत्र
मिजोरम में विधानसभा चुनाव परिणाम की तिथि बदलने को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखा जा चुका है। बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर भेजने वाली पार्टियों में सत्तारूढ़ एमएनएफ, भाजपा, कांग्रेस, जोरम पीपुल्स मूवमेंट और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस शामिल हैं। हालांकि चुनाव आयोग को पहले ही राज्य के प्रमुख चर्चों के समूह मिजोरम कोहरान ह्रुएटुटे कमेटी (एमकेएचसी) ने पत्र लिखकर चुनाव परिणाम की तिथि बदलने की मांग की है। इतना ही नहीं कई गैर सरकारी संगठनों ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर परिणाम की तिथि बदलने की मांग की है।
इस कारण की जा रही परिणाम की तिथि बदलने की मांग
मिजोरम में मतगणना की तारीख बदलने की मांग चुनाव आयोग तक पहुंच चुकी है। बता दें कि मिजोरम ईसाई बहुल राज्य है। जहां सभी राजनीतिक दलों द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि जो विधानसभा चुनाव परिणाम की तिथि निर्धारित की है, उस दिन रविवार है और रविवार ईसाइयों का पवित्र दिन है। मिजो लोग रविवार के दिन पूरी तरह से पूजा में समर्पित रहते हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि मिजोरम में रविवार को कोई भी आधिकारिक कार्यक्रम नहीं रखा जाता है। इसी कारण से तमाम राजनीतिक दलों, गैर सरकारी संगठनों और प्रमुख चर्चों के समूह द्वारा चुनाव आयोग से मतगणना की तिथि बदलने का आग्रह किया गया है।
मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों पर 7 नवंबर को होगा मतदान
चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित की गई तिथियों के अनुसार मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों पर मतदान एक ही चरण में 7 नवंबर को आयोजित किया जाएगा। वहीं चुनाव आयोग द्वारा घोषित परिणाम की तिथि के अनुसार सभी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों का परिणाम 3 दिसंबर को जारी किया जाएगा। हालांकि मिजोरम में मतगणना की तिथि को आगे बढ़ाई जाने की मांग की गई है। हालांकि अभी तक चुनाव आयोग ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।