लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों में काफी उथल-पुथल देखी जा रही है। आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी कभी अखिलेश यादव के साथ, तो कभी कांग्रेस पार्टी के साथ दिख रहे हैं। बता दें कि विपक्षी गठबंधन की पार्टियों में उथल-पुथल मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान ही शुरू हो गई थी, जहां कांग्रेस पार्टी ने अपनी साथी पार्टियों को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं दी। वहीं अब जयंत चौधरी कांग्रेस के साथ चुनाव प्रचार में दिख रहे हैं।
राजस्थान के बाद तेलंगाना में भी कांग्रेस के साथ दिखे जयंत चौधरी
आरएलडी प्रमुख राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव प्रचार करते हुए देखे गए, जो चौधरी कभी समाजवादी पार्टी के साथ खड़े रहते थे, वह राजस्थान में जब कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव प्रचार में दिखे, तो सपा और उनके बीच की बढ़ती दूरियां साफ नजर आ रही थीं। वहीं अब जयंत चौधरी तेलंगाना विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी के साथ चुनाव प्रचार करते हुए देखे जा रहे हैं, जो कि समाजवादी पार्टी को काफी खल रहा है।
जयंत चौधरी को किया गया आमंत्रित
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की आदमकद प्रतिमा के अनावरण में अखिलेश यादव को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान कांग्रेस पार्टी को आमंत्रित ना करके सपा मुखिया को आमंत्रित किया, तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने भी हैदराबाद में चुनाव प्रचार के लिए आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को बुला लिया। हालांकि हैदराबाद में न तो जाट वोटर हैं और न जयंत चौधरी का कोई दबदबा। बताया जा रहा है कि जयंत चौधरी को कांग्रेस पार्टी ने अखिलेश यादव के कारण बुलाया था।
समाजवादी पार्टी के साथ रहना होगा फायदेमंद
आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी यह भली भांति जानते हैं कि उन्हें कांग्रेस पार्टी से ज्यादा समाजवादी पार्टी के साथ रहने से फायदा होगा। लोकसभा चुनाव 2024 में जब उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीटों का बंटवारा होगा, तो जयंत चौधरी को सपा मुखिया अखिलेश यादव प्रदेश की लोकसभा सीटों में हिस्सेदारी प्रदान कर सकते हैं, क्योंकि कांग्रेस पार्टी से समाजवादी पार्टी की तीखी नोंक झोंक अभी भी जारी है। ऐसे में सपा गठबंधन के साथ रहेगी या नहीं यह तो वक्त आने पर ही पता चल पाएगा।