उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते दिनों राज्य कर्मियों को मानव संपदा पोर्टल पर अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने के निर्देश दिए थे। जिसमें उन्हें अपनी चल-अचल संपत्ति की पूरी जानकारी देनी थी। लेकिन अब संपत्ति का ब्यौरा समय पर न देने वाले कर्मचारियों पर योगी सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। सरकार ने ब्यौरा ना देने वाले कर्मचारियों के अगस्त माह का वेतन रोक दिया है। अब, जब तक कर्मचारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दे देते उनकी सैलरी रुकी रहेगी।
17 अगस्त को जारी हुआ था आदेश
बता दें की 17 अगस्त को जारी किए गए शासनादेश के अनुसार सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्तियों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे। आदेश में स्पष्ट किया गया था कि जो कर्मचारी 31 अगस्त तक संपत्ति का ब्यौरा दर्ज नहीं करेंगे, उनका अगस्त माह का वेतन रोक दिया जाएगा। आंकड़ों के अनुसार राज्य के कुल 8,46,640 सरकारी कर्मचारियों में से 6,02,075 ने ही संपत्ति का विवरण समय पर पोर्टल पर दर्ज किया गया है।
कौन- कौनसे विभाग दे चुके हैं ब्यौरा
उत्तर प्रदेश में 8 लाख 46 हजार 640 सरकारी कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें अभी तक 6 लाख 2 हजार 75 ने ही अपनी चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा दिया है। बता दें कि जिन विभागों ने ब्यौरा दिया है उसमें सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, टेक्सटाइल, महिला कल्याण विभाग, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य और राजस्व शामिल है।
सरकार ने बढ़ाया समय, कर्मचारियों को दी राहत
सरकार की तरफ से अब कर्मचारियों को राहत मिली है क्योंकि सरकारी कर्मचारियों के लिए संपत्ति विवरण जमा करने की अंतिम तिथि को एक महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। अब कर्मचारी 2 अक्टूबर तक ब्यौरा दे सकेंगे।
यह आदेश मायावती की सरकार में पहली बार दिया गया था
उत्तरप्रदेश सरकार ने इस तरह का आदेश साल 2010 में भी दिया था जब सूबे में मायावती की सरकार थी। लेकिन कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने इसका उल्लंघन किया, इसलिए अब योगी सरकार पोर्टल पर संपत्ति की जानकारी देने को अनिवार्य बना रही है। यूपी सरकार ने पिछले साल भी 2023 में 18 अगस्त को सरकारी कर्मचारियों के लिए ये आदेश जारी किया था।