दिल्ली में ‘जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख: सातत्य और संबद्धता का ऐतिहासिक वृत्तांत’ नामक किताब के विमोचन कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री ने हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “देश में जो कला, वाणिज्य और संस्कृति कश्मीर में थी, वहीधीरे-धीरे पूरे भारत में फैली। कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग पहले भी था, आज भी है और हमेशा रहेगा।”
भारत एक ऐसा देश है जो संस्कृति से जुड़ा है
अंग्रेजों के समय लिखा गया इतिहास ही गलत था। पूरी दुनिया में भारत एक ऐसा देश है जो संस्कृति से जुड़ा हुआ है। इस देश की व्याख्या वे नहीं कर सकते जो जियो-पॉलिटिकल नजरिए से देश को देखते हैं। भारत को समझने के लिए देश को जोड़ने वाले तत्वों को समझना होगा। देश में जो कला, वाणिज्य और संस्कृति कश्मीर में थी, वहीधीरे-धीरे पूरे भारत में फैली। कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग पहले भी था, आज भी है और हमेशा रहेगा।”
जो कुछ भी गंवाया है, उसे जल्द से जल्द वापस पा लेंगे
गृह मंत्री ने आगे POK का नाम लिए बिना इशारों-इशारों में कहा, “कश्मीर में इन दिनों विकास ही विकास देखने को मिल रहा है और मुझे इस बात की खुशी है। मेरा विश्वास है कि हमने जो कुछ भी गंवाया है, उसे जल्द से जल्द वापस पा लेंगे। न के वल भौतिक विकास, बल्कि हम कश्मीर की सांस्कृतिक ऊंचाइयों को भी बहुत जल्द प्राप्त करेंगे।”
मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 को समाप्त करने का काम किया
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “मोदी सरकार ने आर्टिकल 370 को समाप्त करने का काम किया। इसी 370 ने कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववाद का बीज बोया था। 370 के हटने के बाद आतंकी घटनाओं में कमी आई है। घाटी में आतंकवाद के इकोसिस्टम को नष्ट कर दिया गया है।”
धारा 370 ने ही युवाओं के मन में अलगाववाद का बीज बोने का प्रयास किया
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, “कई बार लोग मुझसे पूछते हैं कि धारा 370 और आतंकवाद का क्या रिश्ता है? उन लोगों को शायद यह मालूम नहीं कि धारा 370 ने ही घाटी के युवाओं के मन में अलगाववाद का बीज बोने का प्रयास किया। मुस्लिम आबादी देश के कई हिस्सों में है, फिर देश के किसी अन्य हिस्से में आतंकवाद क्यों नहीं फैला? फिर यह दलील दी जाती है कि पाकिस्तान सटा हुआ है। तो ऐसे तो गुजरात, राजस्थान और पंजाब भी पाकिस्तान से सटे हुए हैं। फिर सिर्फ कश्मीर में ही आतंकवादी घटनाएं ज्यादा क्यों?”
धारा 370 आतंकवाद की पोषक थी
गृह मंत्री अमित शाह इतने में ही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, “धारा 370 ने ऐसी भ्रांति फैलाने का काम किया कि भारत और कश्मीर का जुड़ाव टेंपरेरी है। इसी ने अलगाववाद के बीज बोए और आने वाले दिनों में यही आतंकवाद में परिवर्तित हुआ। 40 हजार से ज्यादा लोग आतंकवाद की बलि चढ़ गए। कश्मीर का विकास दशकों पीछे चला गया और सालों तक आतंकवाद का तांडव होता रहा। धारा 370 हटने के बाद आतंकवादी घटनाओं में 70 प्रतिशत से ज्यादा कमी आई है और ये सिद्ध करता है कि 370 आतंकवाद की पोषक थी। “