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पाकिस्तान सेना पर बड़ा हमला: आत्मघाती विस्फोट में 13 जवान मारे गए, 29 घायल

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पाकिस्तान को आतंक को पनाह देने के दुष्परिणामों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उत्तरी वजीरिस्तान के खड्डी इलाके में एक बड़े आत्मघाती बम विस्फोट में 13 सैनिक मारे गए और 29 अन्य घायल हो गए, जिनमें नागरिक भी शामिल हैं। हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को सैन्य एमआरएपी काफिले से टकरा दिया। उसूद अल-हरब के एक विंग हाफिज गुल बहादुर समूह द्वारा लिया गया यह हमला हाल के महीनों में सबसे घातक हमलों में से एक है।

उत्तर वज़ीरिस्तान के खड्डी इलाके में सेना का काफिला बना निशाना

पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित उत्तर वज़ीरिस्तान के खड्डी इलाके में एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को पाकिस्तानी सेना के काफिले से टकरा दिया। यह हमला शनिवार को हुआ और इसमें सेना की बम निरोधक इकाई के एमआरएपी (Mine-Resistant Ambush Protected) वाहन को खासतौर पर निशाना बनाया गया।

13 सैनिकों की मौत, 29 लोग घायल — हाल के महीनों का सबसे बड़ा हमला

विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि मौके पर ही 13 सैनिकों की मौत हो गई। इसके अलावा 10 अन्य सैनिक और 19 आम नागरिक भी घायल हुए हैं। यह घटना उत्तर वज़ीरिस्तान में हाल के महीनों में हुआ सबसे जानलेवा हमला माना जा रहा है।

हाफिज गुल बहादुर समूह ने ली हमले की जिम्मेदारी

इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन उसुद अल-हरब के एक उपगुट हाफिज गुल बहादुर समूह ने ली है। यह गुट लंबे समय से पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर सक्रिय रहा है और इसका ताल्लुक तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से भी बताया जाता है।

घटना के समय पहले से था कर्फ्यू, अब और सख्ती बढ़ाई गई

हमले के समय पूरे इलाके में सैन्य अभियान चल रहा था और पहले से ही कर्फ्यू लागू था। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने तत्काल क्षेत्र की घेराबंदी कर दी और राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया।

लगातार हो रहे आतंकी हमलों ने सेना और सरकार की नींद उड़ाई

इस घटना ने पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा और सैन्य खुफिया तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हमला उस वक्त हुआ है जब देश पहले से ही आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और सीमावर्ती आतंकवाद से जूझ रहा है।

भारत के लिए यह संकेत कि आतंक अब खुद पाकिस्तान को ही निगल रहा है

भारत के सामरिक विश्लेषकों के अनुसार, यह घटना पाकिस्तान की उसी नीति का परिणाम है जिसमें उसने वर्षों तक आतंकी संगठनों को पनाह दी। अब वही संगठन उसकी सेना और आम जनता पर हमला कर रहे हैं। भारत के लिए यह एक सामरिक संकेत है कि आतंकवाद किसी का स्थायी हथियार नहीं हो सकता।

आतंक के सहारे चला सिस्टम अब खुद ही बिखरता दिख रहा है

यह आत्मघाती हमला पाकिस्तान की उस नीति का नतीजा है जिसमें आतंकियों को ‘स्ट्रेटजिक एसेट’ समझा गया। लेकिन अब वही तत्व पाकिस्तान के लिए बर्बादी का कारण बनते जा रहे हैं। यदि जल्द कोई सख्त कदम न उठाया गया, तो ऐसे हमले और गहराई से देश को झकझोर सकते हैं।

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